ऐस्‍टरॉयड 2024 YR4 के पृथ्वी से टकराने की आशंका बढ़ी, साइबेरिया में गिरे ऐस्‍टरॉयड के जितनी तबाही की आशंका

वॉशिंगटन
 एस्टेरॉयड 2024 YR4 के पृथ्वी से टकराने की आशंका लगातार बढ़ती जा रही है। वैज्ञानिकों ने पहले अनुमान लगाया था कि एस्टेरॉयड 2024 YR4 के पृथ्वी से टकराने की आशंका करीब 1 प्रतिशत है। लेकिन अब खतरे को बढ़ाकर 2.3 प्रतिशत कर दिया गया है। खतरे की संभावना का लगातार बढ़ना वैज्ञानिकों को भी लगातार परेशान कर रहा है। सबसे परेशान करने वाली बात ये है कि कि इसकी स्पीड क्या है और वास्तविक आकार क्या है, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इसका आकार 200 मीटर तक हो सकता है। हालांकि नासा के वैज्ञानिकों ने एस्टेरॉयड 2024 YR4 के संभावित असर वाले क्षेत्रों की पहचान करनी शुरू कर दी है ताकि अगर वास्तव में टक्कर अवश्यंभावी हो जाए, तो पहले से ही लोगों को बचाने की कोशिशें शुरू की जा सकें।

नासा के वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि अगर एस्टेरॉयड 2024 YR4 पृथ्वी से टकराता है तो ये पूरे शहर को नष्ट कर सकता है। लिहाजा नासा ने एस्टेरॉयड के गिरने को लेकर जो संभावित रास्ता तैयार किया है, उसमें भारत समेत कई घनी आबादी वाले देश आते हैं। वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि अगर ये एस्टेरॉयड पृथ्वी पर गिरता है तो ये 500 परमाणु बमों से ज्यादा शक्तिशाली ऊर्जा का निर्माण कर सकता है। लिहाजा विनाश का स्तर क्या हो सकता है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

एस्टेरॉयड 2024 YR4 के टकराने की आशंका बढ़ी
नासा के कैटालिना स्काई सर्वे प्रोजेक्ट के इंजीनियर डेविड रैंकिन ने उत्तरी दक्षिण अमेरिका से लेकर प्रशांत महासागर, दक्षिणी एशिया, अरब सागर और उप-सहारा अफ्रीका के कुछ हिस्सों तक इस एस्टेरॉयड के गिरमे के जोखिम गलियारे की पहचान की है। इसके अलावा जिन देशों में एस्टेरॉयड के गिरने की संभावना सबसे ज्यादा जताई गई है उनमें भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान, इथियोपिया, सूडान, नाइजीरिया, वेनेजुएला, कोलंबिया और इक्वाडोर शामिल हैं। वैज्ञानिक रैंकिन ने कहा है कि "हालांकि प्रभाव की संभावना कम है, लेकिन अगर 2024 YR4 पृथ्वी से टकराता है, तो हम संभावित परिणामों को नजरअंदाज़ नहीं कर सकते।"

एस्टेरॉयड 2024 YR4 को पिछले साल दिसंबर में खोजा गया था। जिसके बाद नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के वैज्ञानिकों के लिए ये एक प्रमुख मुद्दा बन गया है। शुरुआती अनुमानों में टकराव की संभावना 1% थी, जो अब बढ़कर 2.3 प्रतिशत हो गई है। जिसे काफी खतरनाक कैटोगिरी में रखा गया है। वैज्ञानिक मानते हैं कि इसके आकार और स्पीड के बारे में फिलहाल ज्यादा जानकारी नहीं है।

सबसे ज्यादा खतरनाक कैटोगिरी में रखा गया
एस्टेरॉयड 2024 YR4 से संभावित खतरे को देखते हुए इसे टोरिनो स्केल पर तीन की रेटिंग दी गई है। टोरिनो स्केल पृथ्वी के पास होने वाले जोखिम को मापता है। एस्टेरॉयड 2024 YR4 को इतिहास में उस स्तर तक पहुंचने वाले एस्टेरॉयड के साथ रखा गया है, जिसने सबसे ज्यादा जोखिम पैदा की थी। वो है कुख्यात 'गॉड ऑफ कैओस' एस्टेरॉयड 99942 अपोफिस। डेटा यह भी संकेत मिले हैं, कि अगर ऐस्‍टरॉयड वाकई पृथ्वी से टकराता है, तो इसके स्तर स्थानीय हो सकते हैं। इस ऐस्‍टरॉयड का व्यास उस ऐस्‍टरॉयड के बराबर है, जो साल 1908 में साइबेरिया में तुंगुस्का घटना का कारण बना था। उस वक्त जब ऐस्‍टरॉयड टकराया था, तो करीब 2 हजार वर्ग किलोमीर का जंगल नष्ट हो गया था। उस टक्कर में 80 मिलियन से ज्यादा पेड़ उखड़ गये थे। विस्फोट का बल 10-15 मेगा टन टीएनटी के बराबर होने का अनुमान लगाया गया था।

अभी तक जो आंकड़े उपलब्ध हो पाएं हैं, उससे पता चलता है, कि ये ऐस्‍टरॉयड 22 दिसंबर 2032 को पृथ्वी के करीब एक लाख 6 हजार किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा, जिसमें मार्जिन ऑफ एरर 1.6 मिलियन किलोमीटर हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दूरी पर, यह पश्चिमी मध्य अमेरिका से लेकर उत्तरी दक्षिण अमेरिका, फिर मध्य अटलांटिक महासागर और अफ्रीका के कुछ हिस्सों से होते हुए भारत तक पहुंचने वाली एक संकीर्ण पट्टी में पृथ्वी से टकरा सकता है।

India Edge News Desk

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